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sharda sinha- शारदा सिन्हा

शारदा सिन्हा- सामान्य परिचय

शारदा सिन्हा एक विश्व प्रसिद्ध लोक गायिका जो भारतीय संगीत का एक सितारा हैं।

शारदा सिन्हा – का नाम भारतीय लोक संगीत की क्षेत्र में स्वर्णाक्षरों में अंकित किया गया है। यह एक ऐसी लोक गायिका हैं जिन्होंने अपनी मधुर आवाज़ और संगीत के बल पर  भारतीय लोक संगीत को न केवल जीवित रखा बल्कि उसे एक नयी ऊंचाइयों तक भी पहुचाया है। लोक संगीत की बात करें तो अधिकतर बिहारी संगीत और छठ पूजा के गीतों में उनका योगदान बहुत अधिक  है।

शारदा सिन्हा का शुरूआती जीवन

शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के बहुत ही छोटे परिवार में हुआ था। उनके जीवन के प्रारम्भिक काल से ही संगीत के प्रति अधिक रूचि रही है। उनकी संगीत के प्रति यही रूचि ने उनको संगीत के क्षेत्र में नयी पहचान दी है। शारदा सिन्हा की आवाज इतनी मधुर एवं सुरीली है कि वह किसी को भी आकर्षित कर सकती है।

sharda sinha
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उनकी शुरूआती शिक्षा गाँव के एक छोटे स्कूल से आरम्भ की लेकिन संगीत की ओर उनकी रुचि ने उन्हें शास्त्रीय गायन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। शारदा सिन्हा ने अपने संगीत की शिक्षा कई महान गुरुओं से ली और धीरे-धीरे गायन की दुनिया में अपनी पहचान बनानी शुरू की।

संगीत की दुनिया में कदम

शारदा सिन्हा ने पहले संगीत की शुरूआत अपने घर व लोक संगती से प्रारम्भ की थी। उनकी लोक संगीत में इतनी अधिक रूचि थी कि धीरे-धीरे संगीत के क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध लोक गायिका का दर्जा प्राप्त कर लिया। उनकी लोकप्रियता बिहारी लोक संगीत में रूप में जग जाहिर है।

शारदा सिन्हा ने अपनी गायकी की यात्रा के दौरान कई संगीतकारों और संगीत विधाओं से प्रभावित होकर अपनी गायकी को और भी निखारा। उन्होंने शास्त्रीय संगीत, भक्ति संगीत, और विशेषकर छठ पूजा के गीतों को अपनी आवाज़ दी, जिसे भारतीय लोक संगीत के श्रोताओं ने बहुत सराहा।

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उनकी गायकी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उनकी आवाज़ में एक गहराई और आत्मा को छू लेनी वाली एक ललक है, जो सुनने वाले को बहुत आकर्षित करती है। शारदा सिन्हा ने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उनकी आवाज़ और उनके गीतों ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

छठ पूजा के गीतों में योगदान

शारदा सिन्हा का नाम अगर किसी भी लोक संगीत सुनने वाले की जुबान पर आता है तो वह छठ पूजा के गीतों के लिए ही आता है। छठ पूजा बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड समेत कई अन्य राज्यों में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है। इस पर्व के दौरान श्रद्धालु सूर्य देवता की पूजा करते हैं, और इस अवसर पर गाए जाने वाले गीतों का एक विशेष महत्व है।

शारदा सिन्हा ने इस पर्व के गीतों को अपनी आवाज़ दी, जिससे ये गीत और भी लोकप्रिय हो गए। उनके गाए हुए छठ गीतों में एक विशेष भावनात्मक गहराई और भक्ति की भावना होती है। उनकी आवाज़ के जरिए यह गीत आम जनता तक पहुँचने में सफल हुए, और शार्दा सिन्हा को इस क्षेत्र में एक अविस्मरणीय स्थान मिला।

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उनके गाए हुए छठ गीत जैसे “है छठी मइया के गीत” और “उठल सुग्घी के अंगना” आदि, आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। शार्दा सिन्हा के द्वारा गाए गए ये गीत केवल पूजा का हिस्सा नहीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक बन गए हैं। उनके गीतों में बसा यह भावनात्मक जुड़ाव हर साल छठ पूजा के समय लोगों को जोड़ता है और उन्हें अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्य याद दिलाता है।

 फिल्मी जगत में भी सफलता

शार्दा सिन्हा ने फिल्मी संगीत में भी अपने कदम जमाए। उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों में पार्श्व गायिका के रूप में अपनी आवाज़ दी। उन्होंने भक्ति गीतों से लेकर फिल्मी गीतों तक का गायन किया और हर तरह के संगीत में अपनी आवाज़ का जादू दिखाया। शार्दा सिन्हा का फिल्मी करियर बहुत ही सफल रहा, और उनके गाए हुए कई गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।

शारदा सिन्हा
शारदा सिन्हा

उनका संगीत और उनकी आवाज़, दोनों ही अलग-अलग पीढ़ियों के लिए एक पुल की तरह काम करते हैं। उनकी गायकी में लोक संगीत की धारा और फिल्मी संगीत की ताजगी का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।

शारदा सिन्हा – की गायकी की विभिन्न विशेषताएं

  1. भावनात्मक गहराई:- शार्दा सिन्हा की गायकी में एक अद्भुत भावनात्मक गहराई है। चाहे वह छठ पूजा का गीत हो या फिर कोई फिल्मी गीत, उनका गायन हर शब्द को महसूस करते हुए होता है।
  2. स्वाभाविकता:-उनकी आवाज़ में एक स्वाभाविकता है, जो श्रोताओं को सहज ही अपनी ओर आकर्षित करती है। उनका गायन बिल्कुल भी कृत्रिम नहीं लगता, और यह उनकी एक बड़ी विशेषता है।
  3. लोक संगीत से गहरा संबंध:-शार्दा सिन्हा का लोक संगीत से गहरा संबंध है। उन्होंने हमेशा अपने संगीत को समाज और संस्कृति के साथ जोड़े रखा है, जिससे उनकी गायकी में एक प्रामाणिकता बनी रहती है।
  4. संगीत में विविधता:-शार्दा सिन्हा के गायन में शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, भक्ति संगीत, और फिल्मी संगीत की विविधता देखी जा सकती है। यह उनके संगीत के प्रति उनके समर्पण और उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है।

समापन

शारदा सिन्हा – ने अपने जीवन में जो संगीत के क्षेत्र में योगदान दिया है, वह अतुलनीय है। उनकी गायकी ने भारतीय लोक संगीत को एक नया आयाम दिया और उनकी आवाज़ ने लाखों लोगों के दिलों में जगह बनाई। शार्दा सिन्हा न केवल एक गायिका हैं, बल्कि भारतीय संगीत के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण उन्हें एक सांस्कृतिक प्रतीक बना देता है। उनके गीतों की मिठास, भक्ति की भावना और लोक संगीत के प्रति उनका प्यार आने वाली पीढ़ियों तक जीवित रहेगा।

उनकी यात्रा एक प्रेरणा है, और उनके द्वारा गाए गए गीत आज भी हमारे बीच एक अमिट धरोहर की तरह बने हुए हैं।

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